लेखनी प्रतियोगिता -10-Dec-2021
लेखनी दैनिक कविता प्रतियोगिता
खुद को मिटा दिया किसी ने।।
मेरे जीवन को शब्दों में पिरो दिया किसी ने
अनजाने में मुझ से, खुद को जोड़ लिया किसी ने
मैं हंसने की चाहत में जी रहा अभी तक एक पल में हंसी का खजाना, मुझ पर लुटा दिया किसी ने
मैं थके पांवों से चल रहा था अभी तक
एक पल में मेरे लिए राह को छोटा कर दिया किसी ने
मैं उदासियों में जी रहा था अभी तक
उदासी को भी खुशी से भर दिया किसी ने
मैं आंधियों से घिरा था अभी तक
एक पल में प्यार के प्रकाश से भर दिया किसी ने
उम्र भर रंज रहेगा, उसके साथ चल न पाया मैं एक पल भी
मुझे महकाने के लिए खुद को मिटा दिया किसी ने
अनमोल नजरानों भरे खजानें लुटा गया है वो मुझ पर
इन नजरानों भरे खजानों को श्वासों में भरकर ही जियूगां मैं तो अब बाकी उम्र भर।।
प्रविष्टी प्रतियोगिता हेतु 🙏
Abhinav ji
12-Dec-2021 11:53 PM
Waah waah
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Niraj Pandey
11-Dec-2021 12:06 AM
वाह जबरदस्त👌
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Ravi Goyal
10-Dec-2021 11:55 PM
वाह बहुत सुंदर रचना 👌👌
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